– वन विभाग किया कार्यक्रम का आयोजन
– जागरूकता के लिए छात्र, पर्यावरणविद और स्थानीय ट्रैकर्स हुए शामिल
– राश्ते में आया हाथी, बदलना पड़ा ट्रेक्किंग का रूट
जमशेदपुर.
पर्यावरण संरक्षण और जैवविविधता के प्रति जागरूक करने के लिए जमशेदपुर वन प्रमंडल की ओर से वन विभाग की ओर से स्कूली बच्चों के लिए 2 मार्च, रविवार को दलमा में डे आउट ट्रैकिंग का आयोजन किया गया। दलमा के मकुलाकोचा से लोग सुबह 6 बजे से जमशेदपुर, रांची, बोकारों, धनबाद से सौ से अधिक बच्चों ने ट्रैकिंग पर गए। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि बढ़ती मानव गतिविधियां और प्लास्टिक कचरा इस क्षेत्र के पारिस्थिति तंत्र को खतरे में डाल रहे हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए एक अनूठा दलमा ट्रेकिंग और पर्यावरणीय जागरूकता अभियान किया जा रहा।
अचानक बदला गया रूट
दलमा में आउट डे ट्रेक्किंग का आरंभ वेब इंटरनेशनल होटल के सामने की पहाड़ी से होना था. लेकिन दलमा के पिंडराबेड़ा में रात को हाथी के आ जाने से ट्रेक्किंग को उस रूट से रद्द करना पड़ा. उसके बाद ट्रेक्किंग मकुलाकोचा से किया गया.
मौके पर मौजूद सीसीएफ एसआर नटेश ने कहा की दलमा गज संरक्षण वन हैं। यहाँ कई तरह की वन्य जीव प्रजातियां पायी जाती हैं। जानवरों, पेड़ पौधो के प्रति बच्चों को जागरूक करना हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान प्रतिभागियों को सफाई के लिए आवश्यक सामग्री जैसे दस्ताने, कचरा बैग, और जागरूकता सत्र के लिए सूचना सामग्री उपलब्ध कराई गयी हैं। कहा कि ट्रैकिंग रूट पर प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए सफाई अभियान चलाया गया। पर्यावरणीय मुद्दों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए एक इंटरएक्टिव सत्र आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि यह एक प्रयास और प्रयोग है, आगे भी इस तरह की गतिविधि जारी रहेगी।
जंगल का मतलब केवल हाथी और हिरण नहीं हैं: स्मिता पंकज
कार्यक्रम में मौजूद आरसीसीएफ स्मिता पंकज ने बताया कि शहरी बच्चों को जंगल और ग्रामीण क्षेत्र से वास्तविक परिचय कराना हैं। बच्चों के मन मस्तिष्क में जंगल का मतलब केवल हाथी, हिरण या अन्य जीव जंन्तु होते हैं। जबकि जंगल में वन्य जीव प्राणियों के साथ कई तरह के कीड़े माकोड़े होते हैं। जिन सभी जैव विविधता में महत्व हैं। इसके साथ ही बच्चों को पर्यावरण के महत्व और जलवायु परिवर्तन के प्रति भी जागरूक करना इस डे आउट ट्रेक्किंग का उद्देश्य हैं।